शत्रुओं का नाश करने वाली माता बगलामुखी का मंदिर कच्ची सराय रोड स्थित है | नवरात्र हो या आम दिन यहाँ तांत्रिकों का मेला लगा रहता है| मंदिर में स्थापित माता की मूर्ति अष्टधातु की है जो दस भुजा स्वरुप में पञ्च प्रेतासन पर विराजमान है एवं श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है |इस मंदिर की स्थापना की कहानी काफी दिलचस्प है | यहाँ के महंत अजित कुमार प्रसाद के पूर्वजों ने इस मंदिर की स्थापना वर्षों पूर्व में की थी| माँ बगलामुखी कि मूर्ति के ठीक नीचे "सहस्त्र दल महायंत्र" स्थापित है |इस यन्त्र पर १०८ महाविद्याओं कि साधना कि जाती है | महंत बताते है की इस यन्त्र के कारण लोगों की कामना पूरी होती है एवं इसके दर्शन मात्र से मनुष्य का भाग्य बदल सकता है | नवरात्र में यहाँ देशभर से दर्जनों तांत्रिक साधना के लिए यहाँ जुटते हैं | प्रसाद परिवार वैशाली के महुआ आदलपुर से मुजफ्फरपुर आया था | माता बगलामुखी इस परिवार की कुलदेवी थी और माता की असीम कृपा इस परिवार पर थी | प्रसाद परिवार के मुखिया रूपल प्रसाद वर्तमान में जहाँ मंदिर है, वहा घरेलु रूप से माँ की पूजा करते थे | महंत अजित कुमार बताते है की करीब ढाई सौ वर्ष पूर्व उनके परदादा रूपल प्रसाद ने ही मंदिर की स्थापना की थी | स्थापना के पूर्व रूपम प्रसाद ने कलकत्ता के तांत्रिक भवानी मिश्रा (गया निवासी) से गुरुमंत्र लिया| उन्ही की प्रेरणा से इसकी स्थापना हुई | मूर्ति का निर्माण कलकत्ता के कारीगरों ने किया |
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प्रातः - ७ बजे से दोपहर १२ बजे तक
संध्या - ४ बजे से रात्रि १० बजे तक
आरती : प्रातः - ७ बजे
संध्या - ७ बजे से एवं रात्रि ९:३० बजे